April 21, 2025

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ठेका/प्लेसमेंट प्रथा बंद कर विभाग से वेतन भुगतान व नियमितिकरण करने 170 नगरीय निकायों के प्लेसमेंट कर्मी 27 नवम्बर को धरना देगें

छ.ग. के सभी 170 नगरीय निकायों के प्लेसमेंट कर्मी 27 नवम्बर को निगम से ठेका प्रथा बंद करने व नियमितिकरण संबंधी मांगों के साथ एक दिवसीय धरना व रैली निकालेगें*

▶️ *छ.ग. राज्य के सभी नगर निगम, पालिका, पंचायत के प्लेसमेंट कर्मी रायपुर धरना स्थल पर ठेका प्रथा बंद करने हेतु धरना देगें*

 

 

▶️ *नियमितिकरण हेतु नगरीय निकायो से प्लेसमेंट कर्मी की जानकारी नही मंगाये जाने के कारण प्लेसमेंट कर्मचारी धरने पर बैठेगें*

MD BHARAT NEWS, रायपुर। प्रदेश के सभी 170 नगरीय निकायों में आगामी 27 नवंबर को एक दिन के लिए सफाई, पानी, बिजली आपूर्ति सहित अन्य प्रशासनिक कार्य बाधित रह सकता है। क्योंकि नगरीय निकायों में प्लेसमेंट पर तैनात सभी कर्मचारी ठेका प्रथा बंद कर नियमितीकरण की मांग को लेकर एक दिन का महाधरना देने जा रहे हैं। दरअसल शासन द्वारा नियमितीकरण की प्रक्रिया अपनाई गई है जिसमें नगरीय निकायों के प्लेसमेंट कर्मचारियों की जानकारी अभी तक नहीं गई है। मंत्रालय से जो जानकारी देने के लिए फार्मेट अन्य विभागों में भेजा गया है वह अभी निकायों में नहीं आया है। वहीं शासन ने करीब 45 हजार अनियमित मांग पत्र कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सूची तैयार कर लिया है। इसमें निकायों के एक भी कर्मचारी शामिल नहीं है। बता दें कि प्रदेशभर के 170 निकायों में करीब 50 हजार कर्मचारी प्लेसमेंट पर तैनात है। इनमें से अधिकांश ऐसे हैं जो 10-15 साल से प्लेसमेंट पर ही काम कर रहे हैं।
छग नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय ऐडे ने बताया कि ठेका प्रथा बंद कर नियमितीकरण की मांग को लेकर मान. मुख्यमंत्री जी सहित विभागीय मंत्री व तीन केबिनेट मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
आदिवासी इलाका बस्तर और जशपुर के नगरीय निकायों में तैनात प्लेसमेंट कर्मचारियों में सबसे ज्यादा आक्रोश है। इन इलाकों के निकायों में सफाई, पानी, बिजली सहित अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए प्लेसमेंट पर बड़ी संख्या में कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसी तरह रायपुर नगर निगम में भी करीब पांच हजार कर्मचारी प्लेसमेंट पर तैनात हैंए जिसमें सफाई, पानी, बिजली और कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम शत.प्रतिशत यही लोग संभाल रहे हैं।