MD भारत न्यूज, मुंगेली। राहुल यादव। सिकंदर खान लोरमी में मुस्लिम समाज के द्वारा ईद की नमाज़ ईदगाह में अदा की गई जहां पर सुबह से ही समाज के लोग ईदगाह पहुच चुके थे। नमाज़ 9.30 बजे अदा की गई, उससे पहले इमाम साहब ने अपनी तक़रीर (प्रवचन) में बताया कि ईद उल फित्र खुशी का वो दिन है जिसमे मुसलमान बंदा तीस दिनों के रोज़े रखता है और इबादत करता है अल्लाह को खुश करने के लिए अच्छी आदतों को अपनाता है और बुराइयों से माफी मांगता है और ईद के दिन अपना और अपने घर के सदस्यो का सदक़ा देता है जिसे फितरा कहते है (फितरा मतलब दान जो कि दो किलो साठ ग्राम गेंहू जो वो खुद खाता हो या उसके बराबर की रकम) जिसपर सबसे पहला अधिकार उस गरीब व्यक्ति का होता है जो उसके सबसे ज्यादा करीब में रहता हो । इस्लाम ये भी सिखाता है कि आपस मे भाई चारे से रहना और दूसरों की मदद करना चाहे वो किसी भी जाति या धर्म का हो, किसी की भी मदद उसकी जाति और धर्म देखकर नही करना चाहिए, रास्तों से पत्थर हटाना, किसी को पानी पिलाना, किसी परेशान की मदद करना और किसी बीमार का हाल चाल पूछ लेना भी सदक़ा (दान पूण्य) है ।
इस मौके पर लोरमी जमात के लोग बड़ी संख्या में ईदगाह पहुँच कर नमाज़ अदा किए जिसमे हाफ़िज़ जमील, हाजी शौक़त खान, हाज़ी गफूर अली, हाज़ी अख्तर अली, सलीम खान, साजिद खान, सिकंदर खान, शाहनवाज खान, अनवर खान असलम खान, शमीम बेग, शाहिद बेग, सत्तार, वहिद अली, सलमान खान, सुलेमान खान, मोमिन खान, जमीर खान, समीर खान, अर्श खान, रिज़वान खान एवं बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे।
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