MD भारत न्यूज रायपुर। आदिवासी गोंड़ (अनुसूचित जनजाति) समाज की न्याय पूर्ण मांग को शासन-प्रशासन द्वारा अनदेखी कर आदिवासी गोंड (अनुसूचित जनजाति) समाज के धार्मिक भावनाओं पर चोट पहुँचाई जा रही है। हम शासन-प्रशासन के अड़यल रवैये से निराश होकर जनता के अदालत में अपनी बात पहुॅचानें हेतु प्रेस जगत से निवेदन करतें हैं।
जैसा कि, पूर्व में भी हमारे द्वारा प्रेस को अवगत कराया गया था कि महासमुंद जिले एवम् बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में स्थित गोंड राजा सिंघा ध्रुवा की किला एवम् पहाड़ी पर स्थित चाँदा दाई की गुफा गोण्डवाना राज्य के समय से धार्मिक आस्था का स्थल रहा है। जहाँ परम्परागत रूप से गोंड समाज द्वारा चाँदा दाई के रूप में माता कली कंकाली देवी की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि के समय बड़ी संख्या में गोंड़ समाज के श्रद्धालू मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवम् उड़ीसा से आकर अपनी आस्था प्रकट करतें हैं। जहाँ गोंड समाज द्वारा सामुहिक रूप से प्रत्येक कुँवार नवरात्रि में ज्योत जंवारा एवम् नवा खाई का आयोजन किया जाता है। गोंड़ राजा सिंघा ध्रुवा के किला सिंघनगढ़ गोण्डवाना राजा का रहा है।
छत्तीसगढ़ की अपनी एक अलग पहचान है, किन्तु देखा गया है कि, गोंड समाज की धार्मिक एवम् संस्कृतिक पहचान को हमेशा नुकसान पहुँचाया जाता रहा है, तथा धार्मिक स्थलों पर अतिक्रमण किये जानें के कई प्रमाण मिले है। जिससे गौड़ समाज हमेशा से हताहत है। इसके लिये छत्तीसगढ़ गोंड समाज को हमेशा संघर्ष करना पड़ा है।
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