प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों की समस्याओं का मुख्यमंत्री को सौपा ज्ञापन
धन्वन्तरी दवा दुकानों को बंद करने की उपासने ने की मांग
MD भारत न्यूज रायपुर। भारतीय जनता पार्टी पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों को सुदृढ़ बनाने शीघ्र ही भूपेश सरकार द्वारा प्रारंभ किये गये धन्वन्तरी दवा दुकानों को शीघ्र बंद किया जावे व उनके आबंटन प्रक्रिया की संपूर्ण जांच की जावे। उपासने ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसके माध्यम से गरीब को सस्ती गुणवत्तायुक्त जेनेरिक दवाईयां मिले। दवा के बिना किसी गरीब को मरने की नाब्त ना आ जावे, इसलिए मोदी सरकार की यह अहम योजना है। उपासने ने कहा कि मोदी ने सन् 2016 में छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों व 108 एम्बुलेंस का शुभारंभ कर परियोजना की छत्तीसगढ़ में आधारशीला रखी थी। वर्ष 2016 से 2019 तक प्रदेश में 210 जन औषधि केन्द्र प्रारंभ हो गये थे, परन्तु राज्य में 2019 में भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद इन जन औषधि केन्द्रों को टारगेट कर हतोत्साहित किया गया और राज्य सरकार ने धन्वन्तरी जेनेरेटिक मेडिकल स्टोर्स की योजना प्रारंभ करने के कारण सरकारी अस्पतालों से प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों को बलात् बंद करा दिया गया और धन्वन्तरी जेनेरिक स्टोर्स में डिस्काउंट के नाम पर मरीजों को लूटा गया व आम जनता में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों को लेकर षड़यंत्रपूर्वक भ्रम फैलाया गया। उपासने ने आगे कहा कि इस कारण सरकारी क्षेत्रों के अस्पतालों में जन औषधि केन्द्रों की संख्या 193 से केवल 83 ही सक्रिय रह गये हैं। जबकि छ.ग. शासन स्वास्थ्य विभाग एवं परिवार कल्याण विभाग ने अपने आदेश दिनांक 11 फरवरी 2021 के द्वारा प्रत्येक शासकीय चिकित्सा महा., जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर जन औषधि केन्द्रों के संचालन को सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया गया था परन्तु योजनाबद्ध रूप से इस आदेश का पालन न कर इस दिशा में कोई ठोस व पर्याप्त कदम नहीं उठाये गये ।
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