January 7, 2025

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मुंगेली जिले के सुखराम सैनिक को श्रद्धांजलि देने लंबीकतार, अंतिम सलामी -फौजियों ने दी, देखे वीडियो…

MD भारत न्यूज, मुंगेली। राहुल यादव। 28 फरवरी को भारतीय सेना के तोपखाना में पदस्थ ग्राम रामगढ़ के वीर सैनिक के दिवंगत सुखराम साहू को अंतिम दर्शन के लिए अपने वीर जवान को श्रद्धा सुमन अर्पित करने महिला,पुरुष सहित पूरा क्षेत्र उमड़ पड़ा। तिरंगे में लिपटे सुखराम के मृतदेह को एक वाहन में फूलों से सजाकर मुक्ति धाम तक जयकारे के साथ पहुँचा। सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई।
रामगढ़ के वीर सुखराम◆ जब तक सुरज चाँद रहेगा सुखराम तेरा नाम रहेगा जैसे नारों से पूरा गांव का माहौल गमगीन रहा। भारत माता के जयकारे व वन्देमातरम से पूरा गांव गुंजायमान रहा। जगह जगह गाँव मे लोग अंतिम दर्शन के लिये पुष्प अर्पित कर लाडले को अंतिम सलाम देते रहें। पूरे सैनिक सम्मान के साथ वीर सैनिक को क्रिया क्रम किया गया। कम उम्र के पुत्र ने मुखग्नि दिया।

सुखराम साहू आर्मी के तोपखाना में हवलदार पदस्थ थे,कुछ दिन पूर्व वे जिला अस्पताल में तबियत खराब के कारण भर्ती कराया गया था। 27 फरवरी को उपचार के बाद वीर सैनिक ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है,उसके पीछे भरा पूरा परिवार है,जिनका विलाप रुक नही रहा। पत्नी भारती साहू, बच्चे पुत्र क्षत्रधन साहू 11 वर्ष, आर्यन साहू 9 वर्ष । माता चन्द्रिका बाई साहू। छोटे भाई नेतु साहू सरपंच रामगढ़ व एक बहन थे। परिवार में सबसे बड़े थे। अस्वस्थ के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

 

 

रामगढ़ के वीर सुखराम◆ जब तक सुरज चाँद रहेगा सुखराम तेरा नाम रहेगा जैसे नारों से पूरा गांव का माहौल गमगीन रहा। भारत माता के जयकारे व वन्देमातरम से पूरा गांव गुंजायमान रहा। जगह जगह गाँव मे लोग अंतिम दर्शन के लिये पुष्प अर्पित कर लाडले को अंतिम सलाम देते रहें। पूरे सैनिक सम्मान के साथ वीर सैनिक को क्रिया क्रम किया गया। कम उम्र के पुत्र ने मुखग्नि दिया।

सुखराम साहू आर्मी के तोपखाना में हवलदार पदस्थ थे,कुछ दिन पूर्व वे जिला अस्पताल में तबियत खराब के कारण भर्ती कराया गया था। 27 फरवरी को उपचार के बाद वीर सैनिक ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है,उसके पीछे भरा पूरा परिवार है,जिनका विलाप रुक नही रहा। पत्नी भारती साहू, बच्चे पुत्र क्षत्रधन साहू 11 वर्ष, आर्यन साहू 9 वर्ष । माता चन्द्रिका बाई साहू। छोटे भाई नेतु साहू सरपंच रामगढ़ व एक बहन थे। परिवार में सबसे बड़े थे। अस्वस्थ के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

 

भारत के बॉर्डर में अपने जीवन के बहुमूल्य समय को भारत की रक्षा के लिये समर्पित करने वाले वीर पुरुष सुखराम कुछ समय पूर्व अपने गाँव रामगढ़ लौटे थे। पूर्व सैनिक संतोष साहू ने बताया कि सुखराम ग्वालियर से 45 दिन के सीक लिव में अपने गृह ग्राम लौटे थे। सेना में 17 वर्ष से सेना में कार्यरत थे। तोपखाना के 36 आर्टी ब्रिगेड ग्वालियर में पदस्थ थे। सुखराम महज 39 वर्ष के थे,उन्होंने लगभग 17 वर्ष से सेना में भारत के सुरक्षा में अपना जीवन खपाया है। उन्होंने बताया कि ड्यूटी के दौरान सुखराम किसी बीमारी से संक्रमित हो गए, जिसका ईलाज चल रहा था। गाँव मे अचानक तबियत बिगड़ी और उनका देहांत हो गया। इस दौरान वे पाकिस्तान बॉर्डर असम, राजस्थान, जम्मू कश्मीर सहित देश अन्य हिस्सों में पदस्थापना हुआ। भारत की बीहड़ बॉर्डर में बतौर तोपची तैनात रहे। उनको आर्मी के सर्वोच्च मैडल भी प्राप्त किया।

धन्य है, माँ चन्द्रिका साहू जिसके कोख से ऐसे वीर सैनिक पैदा लिये, जिसके लिये पूरा गांव उमड़ पड़ा। पूरा गांव के महिला, पुरुष और बच्चों के आँख के आँसू बह रहा है। हर मुँह से एक ही आवाज वंदेमातरम सुखराम … परिजनों कुछ बोलने के हालत में नही उन्हें लगता है,की उसका पुत्र जल्द ही रिटायरमेंट लेकर अपने गाँव लौटेगा और अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे।

सुखराम के अंतिम विदाई में– प्रमुख रूप से कर्नल आशीष पांडे सैनिक कल्याण कार्यालय बिलासपुर, सूबेदार पुष्कर सिंह सीजी ओडिसा सब एरिया कमांडर प्रतिनिधि रायपुर, हवलदार प्रमोद कुमार पटेल सात एनसीसी बटालियन बिलासपुर, कर्लन सतीश कुमार गुप्ता के प्रतिनिधि, पूर्व सैनिक सगंठन सिपाही प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष साहू, जिलाध्यक्ष संदीप साहू, कमल नारायण साहू, अशोक सिंह रादौर, हलवदार कमल मंगेशकर, हलवदार त्रिभुवन यादव सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों व ग्रामीण उपस्थित रहे।